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Sugarcane News: गन्ने की खेती करने वाले किसान अपनाएं यह आधुनिक तकनीक, कम लागत में मिलेगी छप्परफाड़ पैदावार

गन्ने की नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई से न केवल बीज की बचत होती है, बल्कि उत्पादकता भी बढ़ती है। नई विधियों में सीधे बुवाई के बजाय नर्सरी में पौधे तैयार करके मुख्य खेत में उनकी रोपाई की जाती है।india super news
 

Agriculture News: गन्ना, भारत की प्रमुख कमर्शियल फसलों में से एक है और यह चीनी उत्पादन के साथ-साथ इथेनॉल उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नई-नई तकनीकों ने गन्ने की खेती को और अधिक फायदेमंद बना दिया है। गन्ने की बुवाई और उत्पादन में अब नई विधियों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन संभव हो रहा है। इन आधुनिक तकनीकों का प्रमुख उद्देश्य बीज की बचत और स्वस्थ पौधों की प्राप्ति है।

गन्ने की नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की रोपाई से न केवल बीज की बचत होती है, बल्कि उत्पादकता भी बढ़ती है। नई विधियों में सीधे बुवाई के बजाय नर्सरी में पौधे तैयार करके मुख्य खेत में उनकी रोपाई की जाती है।india super news

बड-चिप तकनीक में, गन्ने की नर्सरी तैयार कर पौधों की रोपाई की जाती है। इस तकनीक में बीज की खपत पारंपरिक विधि की तुलना में काफी कम होती है, और पौधों की जमावट की गारंटी भी रहती है।

गन्ने की बुवाई के दौरान, पौधों के बीच उचित दूरी तय करके दलहनी, तिलहनी और नकदी फसलें भी लगाई जा सकती हैं। इससे किसानों को अतिरिक्त आय का जरिया मिलता है।

गन्ने की खेती में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किसानों को कम लागत और अधिक मुनाफा प्रदान करता है। STP विधि, बड-चिप तकनीक, और इंटर-क्रॉपिंग से किसान न केवल बीज की बचत कर सकते हैं, बल्कि उत्पादकता में भी वृद्धि कर सकते हैं।  india super news