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झज्जर ओर रोहतक ACB ने मारा छापा: छुछकवास थाने का होम गार्ड 2.5 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार, सरपंच पर दबाव

सरपंच का आरोप है कि सतेंद्र व महिला ने उसके साथ अभद्रता की। उस पर लिखित समझौता करने के लिए दबाव डाला। सरपंच किसी तरह  वहां से निकल गया। 28 अप्रैल को एसीबी रोहतक के डीएसपी को शिकायत दी। डीएसपी सुमित के नेतृत्व में विजिलेंस ने छापा मारकर आरोपी सतेंद्र को ढाई लाख रुपये की रिश्वत सहित गिरफ्तार कर लिया।
 

एंटी करप्शन ब्यूरो रोहतक की टीम ने झज्जर में छापा मारकर छुछकवास पुलिस चौकी के होमगार्ड सतेंद्र को ढाई लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी एक महिला के साथ मिलकर भिंडावास गांव के सरपंच से पुलिस आयुक्त व डीएसपी कार्यालय में जांच का डरा दिखाकर लाखों रुपये ऐंठ चुका है। आरोपी को एसीबी रोहतक की टीम मंगलवार को झज्जर अदालत में पेश करेगी। 

एसीबी के डीएसपी सुमित कुमार ने बताया कि छुछकवास गांव के सरपंच दारा सिंह ने शिकायत दी है कि सतेंद्र कुमार होमगार्ड है। उसने आरोप लगाया कि उसने एक महिला को अश्लील मैसेज भेजे हैं। न केवल पुलिस कार्रवाई होगी, बल्कि समाज में बदनामी भी होगी। डरा दिखाकर आरोपी ने डेढ़ लाख रुपये ले लिए। कुछ समय बाद फिर धमकी देना शुरू कर दिया। बोला, डीएसपी के पास दोबारा से जांच खोलने की शिकायत पहुंची है।

ऐसे में पांच लाख रुपये देने होंगे, ताकि शिकायत को दबाया जा सकेे। मार्च माह में एक लाख फोन पे व 4 लाख नकद ले लिए। इसके बाद धमकी दी कि मामलना एसपी के पास चला गया है। अब 10 लाख रुपये में मामला दबाया जा सकेगा। बदनामी के डर से सरपंच ने आरोपी सतेंद्र को 8 लाख रुपये दे दिए। अब अप्रैल 2024 में आरोपी सतेंद्र ने कहा कि मामला पुलिस आयुक्त कार्यालय में चला गया। ऐसे में 25 लाख रुपये दबाने के लिए देने होंगे। सरपंच ने इतनी ज्यादा राशि देने में समर्थता जाहिर की।

24 अप्रैल को आरोपी सतेंद्र अपने साथ षडयंत्र में शामिल महिला के साथ लघु सचिवालय झज्जर में सरपंच से मिला। सरपंच का आरोप है कि सतेंद्र व महिला ने उसके साथ अभद्रता की। उस पर लिखित समझौता करने के लिए दबाव डाला। सरपंच किसी तरह  वहां से निकल गया। 28 अप्रैल को एसीबी रोहतक के डीएसपी को शिकायत दी। डीएसपी सुमित के नेतृत्व में विजिलेंस ने छापा मारकर आरोपी सतेंद्र को ढाई लाख रुपये की रिश्वत सहित गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी होमगार्ड सतेंद्र ने बताया कि  शिकायतकर्ता के खिलाफ किसी भी पुलिस स्टेशन, चौकी, डीएसपी, एसपी या पुलिस आयुक्त कार्यालय में कोई लिखित शिकायत नहीं दी थी।