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हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्री कराना होगा महंगा! 1 दिसंबर से कलेक्टर रेट बढ़ जाएंगे 20%

हरियाणा में 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू होने जा रहे हैं। रेवेन्यू विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं, जो अब प्रदेश के सभी मंडल के कमिश्नर और उपायुक्तों तक पहुंच चुके हैं। इस बढ़ोतरी के बाद, राज्य में जमीनों की रजिस्ट्री 15-20% तक महंगी हो सकती है, जो भूमि खरीदने और बेचने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।
 

Haryana News : हरियाणा में 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू होने जा रहे हैं। रेवेन्यू विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं, जो अब प्रदेश के सभी मंडल के कमिश्नर और उपायुक्तों तक पहुंच चुके हैं। इस बढ़ोतरी के बाद, राज्य में जमीनों की रजिस्ट्री 15-20% तक महंगी हो सकती है, जो भूमि खरीदने और बेचने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा।

कलेक्टर रेट वह दर होती है, जिस पर राज्य सरकार किसी भूमि या संपत्ति के रजिस्ट्री शुल्क को निर्धारित करती है। इस रेट का उपयोग ज़मीन के मूल्य निर्धारण में किया जाता है। हरियाणा सरकार ने इस बार कलेक्टर रेट में 15-20% तक बढ़ोतरी का निर्णय लिया है, जो कि विभिन्न जिलों के स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस निर्णय का प्रमुख कारण स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बाजार में भूमि की बढ़ती कीमतें हैं।

कलेक्टर रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में शामिल जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, पलवल, बहादुरगढ़ और करनाल में हुई है। यहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के कारण भूमि की कीमतों में तेजी से वृद्धि हो रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के शासनकाल में कलेक्टर रेट बढ़ाने के लिए एक सर्वे कराया गया था, जिसमें जिलों की मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन किया गया था। इस सर्वे के बाद ही बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया। कलेक्टर रेट में इस बढ़ोतरी से राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे सरकार को विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त धनराशि मिलेगी। हालांकि, यह आम आदमी के लिए अतिरिक्त बोझ भी साबित हो सकता है।

 कलेक्टर रेट बढ़ने से जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, जिससे भूमि की खरीद-फरोख्त प्रभावित हो सकती है। अधिक कीमत पर रजिस्ट्री करने के कारण लोग भूमि की खरीदने से पहले दो बार सोचेंगे। कलेक्टर रेट की बढ़ोतरी स्थानीय बाजार की स्थिति और रिसर्च के आधार पर की जाती है। हर जिले में एक वैल्यू कमेटी होती है, जो स्थानीय बाजार के हिसाब से रेट तय करती है।

नए कलेक्टर रेट लागू होने से भूमि रजिस्ट्री शुल्क में बढ़ोतरी होगी, जिससे आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसके कारण मध्यवर्गीय परिवारों के लिए भूमि खरीदना और महंगा हो सकता है।

नए कलेक्टर रेट 1 दिसंबर 2024 से प्रभावी होंगे। इससे पहले कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी का प्रस्ताव अप्रैल 2024 में था, लेकिन चुनावों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब चुनाव समाप्त होने के बाद, सरकार ने इस निर्णय को फिर से लागू करने का ऐलान किया है।