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मोदी सरकार ओपीएस -एनपीएस नहीं लाई यूपीएस 25 साल की नौकरी पर 50% पेंशन,नई स्कीम में कितना मिलेगा फायदा।

मोदी सरकार ओपीएस -एनपीएस नहीं लाई यूपीएस 25 साल की नौकरी पर 50% पेंशन।
 

केंद्रीय सूचना प्रसार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि विपक्ष ओल्ड पेंशन स्कीम पर राजनीतिक करते हैं हम कर्मचारियों को लेकर अधिक गंभीर है इसलिए सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने का निर्णय लिया है 25 साल तक नौकरी करने वाले हर कर्मचारी को पूरी पेंशन मिलेगी मोदी सरकार ने पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा फैसला लिया है .

आज हुई कैबिनेट की बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर मोहर लगा दी गई है सरकार ने कहा है कि जो कर्मचारी कम से कम 25 साल तक नौकरी करेगा उसे यूपीएस स्कीम का लाभ मिलेगा यूपीएससी स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू की जाएगी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव आने कैबिनेट की बैठक से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा है कि 10 साल सर्विस करने वाले को ₹10,000 की पेंशन मिलेगी कर्मचारियों की सेवा के दौरान अगर मृत्यु हो जाती है तो उनकी पत्नी को 60% पेंशन दी जाएगी सरकार ने कहा है इनके फैसले को राज्य सरकार भी लागू कर सकती है।


मोदी सरकार ने कहा है कि अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया तो रिटायरमेंट से पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का काम से कम 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा अगर किसी पेंशन दांता की  मृत्यु होती है तो उनके परिवार को मृत्यु के वक्त मिलने वाली पेंशन का 60% दिया जाएगा।


NPS वालों को UPS में आने का विकल्प मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि सभी एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने का विकल्प दिया जाएगा यह उन सभी पर लागू होगा जो एनपीएस की शुरुआत से ही इनके तहत सेवानिवृत हुए हैं या सेवानिवृत होने वाले हैं सरकार उनके लिए बाकायदा एरियर का भुगतान करेगी जो कर्मचारी 2024 से रिटायर हुए उनको अभी तक इनका लाभ नहीं मिला हर 6 महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन का दसवां हिस्सा जोड़कर रिटायरमेंट पर मिलेगा एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने पर फायदा होगा।


उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जब ओपीएस की बात की तो उनके अपने नेताओं में मतभेद थे कांग्रेस के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में ओपीएस का वादा नहीं किया गया था पीएम ने चुनावी राजनीतिक से ऊपर उठकर हमेशा फैसले लिए हैं इनका चुनाव से संबंध नहीं है तो चुनाव आयोग का विषय इसमें नहीं आता है।