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आपस में जुड़ेंगे 30 नेशनल हाईवे! बन रहा है 1200 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे, देखें रूट मेप

मध्य प्रदेश में सबसे बड़े एक्सप्रेसवे, नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह एक्सप्रेसवे राज्य के 11 जिलों से होते हुए लगभग 1200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। नर्मदा एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राज्य के विकास को गति देगा बल्कि इसे पड़ोसी राज्यों गुजरात और छत्तीसगढ़ से भी जोड़ने का काम करेगा।
 

National Highway : मध्य प्रदेश में सबसे बड़े एक्सप्रेसवे, नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह एक्सप्रेसवे राज्य के 11 जिलों से होते हुए लगभग 1200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। नर्मदा एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल राज्य के विकास को गति देगा बल्कि इसे पड़ोसी राज्यों गुजरात और छत्तीसगढ़ से भी जोड़ने का काम करेगा।

नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण अमरकंटक से अलीराजपुर जिले तक किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें अनूपपुर, ढिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरोगन, बड़वानी, अलीराजपुर यह एक्सप्रेसवे इन जिलों को आपस में जोड़ने के साथ-साथ राज्य के भीतर और बाहर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा।

यह एक्सप्रेसवे राज्य के विभिन्न जिलों में विकास की नई लहर लाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां सड़क कनेक्टिविटी की कमी थी।नर्मदा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे ओंकारेश्वर, अमरकंटक, और भेड़ाघाट-लमेताघाट तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे पर्यटन क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इन क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।नर्मदा एक्सप्रेसवे गुजरात और छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश को जोड़ते हुए, तीनों राज्यों के बीच व्यापार और परिवहन को बेहतर बनाएगा।

नर्मदा एक्सप्रेसवे के साथ कई महत्वपूर्ण नेशनल और स्टेट हाईवे भी जुड़े हैं। वर्तमान में ये सड़कें टू-लेन हैं, लेकिन भविष्य में इन्हें चौड़ा किया जाएगा। यह कदम एक्सप्रेसवे के वाहनों की बढ़ती संख्या को संभालने और ट्रैफिक की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उठाया जाएगा।

नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण करते समय पर्यावरण संरक्षण भी ध्यान में रखा जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को बनाने से न केवल सड़क नेटवर्क में सुधार होगा, बल्कि यह मध्य प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे में भी सुधार करेगा। इसके साथ ही, यह मार्ग जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए हरित पहल और टिकाऊ निर्माण प्रथाओं का पालन करेगा।