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राजस्थान को मिली बड़ी सौगात! दो बड़े जिलों को जोड़ेगा नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, आवागमन और व्यापार को मिलेगी तेजी

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अपने प्रदेश की आर्थिक प्रगति के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए कोटपूतली से किशनगढ़ तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का ऐलान किया है। इस 181 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण से आवागमन में समय और लागत की बचत होगी और कई जिलों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस परियोजना की खास बातें।
 

New Expressway: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अपने प्रदेश की आर्थिक प्रगति के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए कोटपूतली से किशनगढ़ तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का ऐलान किया है। इस 181 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण से आवागमन में समय और लागत की बचत होगी और कई जिलों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस परियोजना की खास बातें।

एक्सप्रेसवे के प्रमुख फायदे

वर्तमान में कोटपूतली से किशनगढ़ के बीच 225 किलोमीटर की दूरी तय करने में 5 घंटे का समय लगता है। नए एक्सप्रेसवे के बाद यह दूरी मात्र 2 घंटे में पूरी हो सकेगी। किशनगढ़ की मार्बल मंडी के व्यापार में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय व्यापारियों को फायदा मिलेगा।  कम समय और कम खर्च में सामानों का आवागमन हो सकेगा।

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का मार्ग 

ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे की लंबाई कोटपूतली से पनियाला NH148B तक 181 किलोमीटर होगी, जो किशनगढ़ में NH48 और NH448 को जोड़ेगी। एक्सप्रेसवे मकराना, रूपनगढ़, नवाना, कुचामन सिटी, नीमकाथाना, कोटपूतली, पलसाना, खाटू, खंडेला, चला आदि जिलों को कवर करेगा। 

वर्तमान में कोटपुतली और किशनगढ़ के बीच की दूरी 225 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में लगभग 5 घंटे लगते हैं और नए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह दूरी केवल 2 घंटे में तय की जा सकती है। इस हाईवे के लिए 1679 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा और इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 6906 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

क्या होगा लाभ?

किशनगढ़ के मार्बल उद्योग सहित आसपास के अन्य उद्योगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी। अजमेर, नागौर, और सीकर की दिल्ली से दूरी कम होगी, जिससे इन क्षेत्रों में विकास को नया प्रोत्साहन मिलेगा। इस परियोजना के निर्माण के दौरान रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

परियोजना की लागत और भूमि अधिग्रहण

इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 6906 करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च है। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए 1679 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जो प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा।