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Cherry Tomato की खेती किसानों को करेगी धनवान! होती है बोरा भरके कमाई, घर पर भी कर सकते हो इसकी खेती, जानें बुआई की विधि 

चेरी टमाटर न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं, बल्कि यह सामान्य टमाटर की तुलना में काफी महंगे भी बिकते हैं। अगर आप बड़े शहरों के आसपास चेरी टमाटर की खेती करते हैं, तो इसकी उच्च मांग के चलते अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसे आप गमले में भी उगा सकते हैं।
 

Cherry Tomato Cultivation: चेरी टमाटर न केवल स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं, बल्कि यह सामान्य टमाटर की तुलना में काफी महंगे भी बिकते हैं। अगर आप बड़े शहरों के आसपास चेरी टमाटर की खेती करते हैं, तो इसकी उच्च मांग के चलते अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसे आप गमले में भी उगा सकते हैं।

चेरी टमाटर की खेती : Cherry Tomato Cultivation

चेरी टमाटर की फसल अत्यधिक गर्मी या ठंड को सहन नहीं कर सकती है, इसलिए इसे अक्सर पॉलीकेस या शेडनेट में उगाया जाता है। इसमें 60-70 दिन में फल लगना शुरू हो जाता है और लगभग 7-9 महीने तक पैदावार मिलती रहती है। पॉलीहाउस में, इन पौधों को रस्सी द्वारा सहारा दिया जाता है, इस प्रक्रिया को "स्टैकिंग" कहा जाता है। इसमें पौधों को सुतली से बांधने के बाद सुतली को बांस से बांध दिया जाता है, जिससे पौधों में फल पकने की संभावना बढ़ जाती है।  

चेरी टमाटर की खेती का लाभ : Benefits of Cherry Tomato Cultivation

चेरी टमाटर की खेती से हर पौधे से 5-6 किलो टमाटर मिल सकते हैं। एक एकड़ में करीब 12,000 पौधे लगाकर 400-450 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा, चेरी टमाटर का बाजार मूल्य 50-150 रुपये प्रति किलो तक रहता है, जिससे किसानों को लाखों रुपये की आमदनी हो सकती है।

गमले में टमाटर उगाने की विधि : Method of growing tomatoes in pots

बलुई दोमद मिट्टी का उपयोग करें।
प्रतिदिन 6-8 घंटे सूर्य की रोशनी मिले।
पानी अधिक न दें ताकि जड़ें सड़ें नहीं।
जैविक खाद जैसे गोबर की खाद का उपयोग करें।

पौधों की देखभाल के टिप्स : Plant care tips

पौधों को सहारा दें ताकि फल जमीन पर न गिरे।
वानस्पतिक वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए नियमित छंटाई करें।
पॉलीहाउस में कीटों का प्रकोप कम होता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हल्के रासायनिक उपचार करें।

क्यों करें चेरी टमाटर की खेती? : Why cultivate cherry tomatoes?

बड़े शहरों में इसकी मांग लगातार बनी रहती है, जिससे होटलों और रेस्टोरेंट्स में इसकी नियमित खपत होती है। इसकी खेती से आप समय, पानी, और श्रम की बचत के साथ-साथ अधिक लाभ भी कमा सकते हैं।