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कांग्रेस हाईकमान हरियाणा में सासंद सैलजा पर हुई मेहरबान!  हुडा पिता-पुत्र को बड़ा झटका 
 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह पहला मौका है, जब पार्टी ने अपने संगठनात्मक फैसले संबंधी कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी किया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अथवा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम तक शामिल नहीं है। 
 

Haryana News: हरियाणा के चुनाव में भी कांग्रेस की गुटबाजी का असर देखने को मिला था। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में चल रही रार के बीच कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी महासचिव कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का कद बड़ा दिया है । कांग्रेस हाईकमान द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जिन 40 स्टारक प्रचारकों की सूची जारी की गई है, उसमें रणदीप सुरजेवाला का नाम शामिल है। जिसके बाद हुडा पिता पुत्र को एक  बड़ा झटका लगा है। 

सबसे बड़ा झटका तो तब लगा की जब इस लिस्ट कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी की गई है। ऐसी सूचियों पर अक्सर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर होते हैं। सैलजा सिरसा से कांग्रेस की सांसद और सुरजेवाला राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह पहला मौका है, जब पार्टी ने अपने संगठनात्मक फैसले संबंधी कुमारी सैलजा के हस्ताक्षर से जारी किया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अथवा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम तक शामिल नहीं है। 

हालांकि हुड्डा परिवार गुटबाजी की हरियाणा चुनाव में हार पर सबसे बड़ा ठीकरा फोड़ा गया था।  टिकट के बंटवारे को लेकर भी काफी सवाल उठे थे जिसमे सेलजा और हुड्डा के बिच मन मुटाव भी देखने को मिले थे।   

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले हुड्डा और सैलजा में जबरदस्त खींचतान चली। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला खुलकर किसी के पक्ष में नहीं खड़े हुए। हालांकि उन्हें सैलजा खेमे का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता है, लेकिन जब बात हुड्डा खेमे की आती है तो वे कभी उसके विरुद्ध एक भी शब्द नहीं बोलते। 

उनके बेटे आदित्य सुरजेवाला कैथल से विधाय़क चुने गए हैं। विधानसभा चुनाव में सुरजेवाला का पूरा ध्यान अपने बेटे को चुनाव जिताने पर रहा है। औपचारिक बातचीत के दौरान भी जब सुरजेवाला को चुनाव में हुड्डा खेमे को मिले 72 टिकटों पर कुरेदा गया तो उन्होंने कोई जवाब देने की बजाय चर्चा को विराम देना ज्यादा उचित समझा।

ऐसे में कांग्रेस हाईकमान इन विधायकों की पसंद का पूरा ख्याल रखते हुए हुड्डा को ही कांग्रेस विधायक दल का नेता बना सकता है, लेकिन जिस तरह से चुनाव के नतीजे आए, उसे देखते हुए लग रहा है कि इस बार कांग्रेस हाईकमान कठोर फैसले भी ले सकता है, जो कि हुड्डा गुट के लिए बड़ा झटका हो सकता है।