यूपी को मिलेगा 76 वा नया जिला, इन तहसीलों को मिलाकर पूरी होगी सिमा, जानें
महाराजगंज और गोरखपुर के जिलाधिकारियों के साथ गोरखपुर के मंडल आयुक्त को राजस्व आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा और सकारात्मक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी।
Sep 16, 2024, 12:00 IST
UP News: उत्तर प्रदेश में नए जनपद के रूप में फरेंदा के गठन की तैयारी जोरों पर है। यह नया जनपद गोरखपुर और महाराजगंज की कुछ तहसीलों को मिलाकर बनाया जाएगा। इस प्रस्तावित जनपद का नाम वीर बहादुर सिंह जनपद भी रखा जा सकता है। आइए, जानते हैं इस नए जिले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
फरेंदा वर्तमान में महाराजगंज जिले के आनंदनगर कस्बे के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगा हुआ है, जिससे इसकी सामरिक और आर्थिक महत्वता बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में इस क्षेत्र के विकास के लिए इसे नया जनपद बनाने की तैयारी चल रही है।
कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी
महाराजगंज और गोरखपुर के जिलाधिकारियों के साथ गोरखपुर के मंडल आयुक्त को राजस्व आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा और सकारात्मक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी।
महराजगंज जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है कि यदि फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें रह जाएंगी। वर्तमान मानक के अनुसार, एक जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होना आवश्यक है। इस कारण, प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य शक्ति का विकेंद्रीकरण और बेहतर विकास है। फरेंदा का विकास इस योजना का हिस्सा है, और प्रस्ताव की फीजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
फरेंदा वर्तमान में महाराजगंज जिले के आनंदनगर कस्बे के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगा हुआ है, जिससे इसकी सामरिक और आर्थिक महत्वता बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में इस क्षेत्र के विकास के लिए इसे नया जनपद बनाने की तैयारी चल रही है।
कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी
महाराजगंज और गोरखपुर के जिलाधिकारियों के साथ गोरखपुर के मंडल आयुक्त को राजस्व आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा और सकारात्मक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी।
महराजगंज जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है कि यदि फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें रह जाएंगी। वर्तमान मानक के अनुसार, एक जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होना आवश्यक है। इस कारण, प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य शक्ति का विकेंद्रीकरण और बेहतर विकास है। फरेंदा का विकास इस योजना का हिस्सा है, और प्रस्ताव की फीजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
महाराजगंज की कुछ तहसीलों को मिलाकर बनाया जाएगा
उत्तर प्रदेश के गठन के बाद से कई नए जिले बनाए गए हैं, जैसे कि कानपुर नगर, कानपुर देहात, संतकबीर नगर, अमेठी, और कुशीनगर। वर्तमान में प्रदेश में 75 जिले हैं, जिनमें सबसे नया जिला संभल है।UP News: उत्तर प्रदेश में नए जनपद के रूप में फरेंदा के गठन की तैयारी जोरों पर है। यह नया जनपद गोरखपुर और महाराजगंज की कुछ तहसीलों को मिलाकर बनाया जाएगा। इस प्रस्तावित जनपद का नाम वीर बहादुर सिंह जनपद भी रखा जा सकता है। आइए, जानते हैं इस नए जिले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
फरेंदा वर्तमान में महाराजगंज जिले के आनंदनगर कस्बे के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगा हुआ है, जिससे इसकी सामरिक और आर्थिक महत्वता बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में इस क्षेत्र के विकास के लिए इसे नया जनपद बनाने की तैयारी चल रही है।
महाराजगंज और गोरखपुर के जिलाधिकारियों के साथ गोरखपुर के मंडल आयुक्त को राजस्व आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा और सकारात्मक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी।
महराजगंज जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है कि यदि फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें रह जाएंगी। वर्तमान मानक के अनुसार, एक जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होना आवश्यक है। इस कारण, प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य शक्ति का विकेंद्रीकरण और बेहतर विकास है। फरेंदा का विकास इस योजना का हिस्सा है, और प्रस्ताव की फीजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के गठन के बाद से कई नए जिले बनाए गए हैं, जैसे कि कानपुर नगर, कानपुर देहात, संतकबीर नगर, अमेठी, और कुशीनगर। वर्तमान में प्रदेश में 75 जिले हैं, जिनमें सबसे नया जिला संभल है।
उत्तर प्रदेश के गठन के बाद से कई नए जिले बनाए गए हैं, जैसे कि कानपुर नगर, कानपुर देहात, संतकबीर नगर, अमेठी, और कुशीनगर। वर्तमान में प्रदेश में 75 जिले हैं, जिनमें सबसे नया जिला संभल है।UP News: उत्तर प्रदेश में नए जनपद के रूप में फरेंदा के गठन की तैयारी जोरों पर है। यह नया जनपद गोरखपुर और महाराजगंज की कुछ तहसीलों को मिलाकर बनाया जाएगा। इस प्रस्तावित जनपद का नाम वीर बहादुर सिंह जनपद भी रखा जा सकता है। आइए, जानते हैं इस नए जिले के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
फरेंदा वर्तमान में महाराजगंज जिले के आनंदनगर कस्बे के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगा हुआ है, जिससे इसकी सामरिक और आर्थिक महत्वता बढ़ जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश में इस क्षेत्र के विकास के लिए इसे नया जनपद बनाने की तैयारी चल रही है।
महाराजगंज और गोरखपुर के जिलाधिकारियों के साथ गोरखपुर के मंडल आयुक्त को राजस्व आयुक्त ने रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। रिपोर्ट की समीक्षा और सकारात्मक परिणाम के बाद, उत्तर प्रदेश कैबिनेट इस प्रस्ताव पर विचार करेगी।
महराजगंज जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है कि यदि फरेंदा और नौतनवा को मिलाकर नया जनपद बना दिया जाता है, तो महराजगंज में केवल दो तहसीलें रह जाएंगी। वर्तमान मानक के अनुसार, एक जिले में न्यूनतम तीन तहसीलें होना आवश्यक है। इस कारण, प्रशासन ने नए जनपद के गठन पर पुनर्विचार की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पार्टी का उद्देश्य शक्ति का विकेंद्रीकरण और बेहतर विकास है। फरेंदा का विकास इस योजना का हिस्सा है, और प्रस्ताव की फीजिबिलिटी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के गठन के बाद से कई नए जिले बनाए गए हैं, जैसे कि कानपुर नगर, कानपुर देहात, संतकबीर नगर, अमेठी, और कुशीनगर। वर्तमान में प्रदेश में 75 जिले हैं, जिनमें सबसे नया जिला संभल है।