राम मंदिर की संरचना कृत्रिम चट्टान पर आधारित है, इसमें स्टील और कंक्रीट का बिल्कुल नहीं हुआ इस्तेमाल
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की सबसे बड़ी चुनौती यहां की बलुई मिट्टी थी। इसकी डिजाइनिंग से लेकर सभी तकनीकी पहलुओं पर आईआईटी बॉम्बे, चेन्नै, गुवाहाटी, एनआईटी सूरत, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की, नैशनल जियो रिसर्च इंस्टिट्यूट हैदराबाद के विशेषज्ञों ने मिलकर काम किया है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 6 एकड़ परिसर की करीब 14 मीटर गहराई तक की पूरी मिट्टी हटाई गई। फिर इसे स्टोन डस्ट और फ्लाई ऐश से भरा गया।
इसके बाद 1-1 फीट की 56 आरसीसी संरचना बनाकर कृत्रिम चट्टान बनाई गई है। इसके बाद ऊपर ग्रेनाइट की प्लिंथ तैयार की गई है
मंदिर की संरचना में स्टील और कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है क्योंकि इनकी ड्यूरेबिलिटी के कोई प्रमाण नहीं हैं इसलिए मंदिर को पत्थरों से बनाया गया है, जिससे डेढ़-दो हजार साल तक कोई समस्या न आए। मंदिर की पूरी संरचना में करीब 21 लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगेंगे। चंपत राय ने बताया कि करीब डेढ़ दशक पहले ही विहिप के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने एलऐंडटी से मंदिर निर्माण की चर्चा की थी। अब इस कार्य को वही कंपनी पूरा कर रही है
बुनियादी जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर होगा परिसर
चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर होगा। यहां दो एसटीपी और एक वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। 400 फीट नीचे से पानी निकाला जाएगा। मंदिर परिसर में एक फायर स्टेशन होगा जो भूमिगत जलाशय से पानी का इस्तेमाल कर सकेगा। परिसर में बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए प्रवेश द्वार पर लिफ्ट और रैंप भी बनाए जा रहे हैं। 25 हजार लॉकर तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र में स्थापित किए जाएंगे, जहां, मोबाइल, पर्स आदि सामान नि:शुल्क जमा कर दर्शन के लिए जाया जा सकेगा
अमृत भारत की भी सौगात
वंदे भारत के अलावा एक अमृत भारत एक्सप्रेस की भी सौगात मिलनी है। आनंद विहार से दरभंगा तक चलने वाली यह ट्रेन अयोध्या के रास्ते चलेगी। सूत्रों का दावा है कि इस ट्रेन का संचालन वाया लखनऊ भी रहेगा। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने सोमवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत ट्रेन के रेक का निरीक्षण किया। अमृत भारत ट्रेन पुश-पुल तकनीक पर आधारित है। इसमें दो इंजन (एक आगे और एक पीछे की ओर) लगे हैं। इसमें 22 कोच होंगे। महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए भी कोच होंगे। इसकी स्पीड क्षमता 130 किमी प्रति घंटा है