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हरियाणा में बेरोजगार युवकों के लिए ख़ुशख़बरी, स्वास्थ्य विभाग में जल्द भरे जाएंगे ये खाली पद

हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन डेंगू के बढ़ते मामलों पर विधायक अर्जुन चौटाला की तरफ से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने सदन को संबोधित करते हुए दी। 
 
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India Super News: चंडीगढ़, 18 नवंबर: हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में जल्द डॉक्टरों के 777 खाली पदों पर भर्तियां सुनिश्चित की जाएंगी। बाकायदा इसे लेकर एक दिसंबर को पीजीआई परीक्षा भी रख रहा है। यह जानकारी हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन डेंगू के बढ़ते मामलों पर विधायक अर्जुन चौटाला की तरफ से लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने सदन को संबोधित करते हुए दी। यह भी कहा कि एक दिसंबर को पीजीआई द्वारा डॉक्टरों की भतीं के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी। जल्द डॉक्टरों और मेडिकल ऑफिसरी के पदों को भर दिया जाएगा। 

CONTENT 1 * सदन में विधायक अर्जुन चौटाला के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने दी जानकारी

* मंत्री बोलीः डेंगू रोगियों का रिकॉर्ड न देने वाले प्राइवेट अस्पतालों को लेकर करवाएंगे जांच

अर्जुन चौटाला ने सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए कहा कि आज हरियाणा में 14000 डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं। जिसके अंदर केवल 4500 डॉक्टर ही सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे हैं। 10,000 से ज्यादा डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़े क्यों नहीं पेश किए गए हैं? नवंबर के पहले हफ्ते से ही डेंगू के केस में लगातार बढ़ोतरी दिख रही है। सभी को पता है कि अक्तूबर के आखिर में डेंगू के केस आने लगते हैं। ऐसे में फॉगिंग में तेजी लाने में 08 नवंबर तक इंतजार क्यों किया गया? पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ की बेहद कमी है। यह भी स्पष्ट किया जाए कि डॉक्टर, टेक्नीशियन, पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को कब तक पूरा किया जाएगा? इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द डॉक्टरों के खाली पदों पर भर्ती करने के संबंध में जवाब देते हुए कहा कि सभी प्राइवेट अस्पतालों को डेंगू रोगियों का रिकॉर्ड देना अनिवार्य है। अगर किसी ने नहीं दिया तो इसकी जांच करवाई जाएगी।

समय में अन्य पद खाली होने मिलते हैं तो उनके लिए भी हमारे पास साथ में बैकलॉग खड़ा रहेगा।

अर्जुन चौटाला बोले : दो बार मेडिकल एजुकेशन का हुआ उद्घाटन, लेकिन आज तक नहीं लगी एक भी ईट वहीं, अर्जुन चौटाला ने सदन में डिमांड नंबर 14, 17 और 19 पर हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सिरसा में कोविड से पहले अगर कोई मरीज आता है तो उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया जाता है और ब्रेन हैमरेज के मरीज की एक एक मिनट कीमती होता है। यदि कोई ब्रेन हेमरेज का मरीज उस फाटक पर फंस गया तो वो बच नहीं पाएगा।

अर्जुन चौटाला ने कहा कि नशा भी हेल्थ केयर का हिस्सा है। बड़े दुख की बात है कि जब भी नशे की बात आती है तो इस बात की कोई चर्चा नहीं करता कि जो नशे का आदी मरीज है, उसकी कैसे मदद और देखभाल की जाए और उसका पुनर्वास कैसे किया जाए। पूरे में सरकारी तौर पर नशा मुक्ति के सिरसा में लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर में केवल बैड निर्धारित। किए गए हैं। उनकी हालत बेहद दयनीय है। यहां आकर मरीज ठीक होना तो दूर एक दिन भी रह नहीं सकता। मरीज का ध्यान हटाने के लिए गेहूं और चावल के दाने मिला कर दे दिए जाते हैं और उनसे कहा जाता है कि इनको छांटने का काम करो। अब जमाना बहुत

एक मेडिकल कॉलेज मंजूर हुआ था। उसका उद्घाटन पहली बार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और दूसरी बार राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा करवाया गया। लेकिन दुख की बात है कि दो बार उ‌द्घाटन किए जाने के बाद भी आज तक एक भी इंट नहीं रखी गई। उस कॉलेज की लोकेशन रेलवे फाटक के पास है। दिक्कत यह है कि वो रेलवे फाटक दो दो घंटे तक बंद रहता है। बेन हेमरेज का पूरे सिरसा में कोई इलाज नहीं है।

आधुनिक मशीनें आ चुकी हैं। उन पर गाइडलाइन आ चुकी हैं। रानियां में 38 से ज्यादा गांव हैं, जहां पीने के पानी की बहुत किल्लत है और नहरी पानी नहीं है। राशन डिपो में गेहूं की बोरियों को उतार कर सीधा जमीन पर रख दिया जाता है। जिस कारण वो गेहूं खराब हो जाता है इसलिए गेहूं खराब न हो, उसके लिए उचित कदम उठाए जाएं।