दालों के दामों में बड़ी गिरावट! फल और सब्जियों का कैसा हाल? देखें आज का ताजा मंडी भाव...Mandi Bhav Today 29 November
Aaj Ka Mandi Bhav: इंदौर मंडी में आज की स्थिति के अनुसार अनाज, सब्जी और फलों के दाम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। इन दामों का असर रिटेल बाजार पर भी पड़ता है, जिससे आम लोगों को दैनिक उपयोग की चीजों के भाव का फर्क महसूस होता है। मंडी में होने वाले इन बदलावों का असर सीधे हमारे रोजमर्रा के खर्चों पर पड़ता है।
आज, यानी 28 नवंबर 2024 को इंदौर मंडी में अनाज, फल और सब्जियों के भाव में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। आइए जानते हैं, इंदौर मंडी में आज के ताजे दाम और उनके उतार-चढ़ाव के बारे में।
इंदौर मंडी में अनाज और दालों के दाम (रुपये/क्विंटल)
गेहूं 4000
सोयाबीन 3700
डॉलर चना 5700
देसी चना 6300
मक्का 2200
तुअर 12500
मूंग 8600
अनाज के दाम में बदलाव
इंदौर मंडी में आज गेहूं के दाम में 20 रुपए का मामूली अंतर आया है, जबकि सोयाबीन में 100 रुपए की तेजी देखने को मिली है। सोयाबीन के भाव 3700 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं, जो कि किसानों के लिए राहत की बात है।
हालांकि, डॉलर चना और मूंग के दाम में गिरावट आई है। डॉलर चना के भाव में 100 रुपए की गिरावट आई है, और मूंग के दाम में 4000 रुपए की भारी गिरावट आई है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
दालों और मक्का के दाम
तुअर दाल के दाम में 300 रुपए की वृद्धि हुई है, और यह अब 12500 रुपए प्रति क्विंटल पर बिक रही है। इसके अलावा, मक्का के दाम में 150 रुपए की वृद्धि देखने को मिली है, जिससे किसानों को थोड़ी राहत मिली है।
इंदौर मंडी में सब्जी और फल के दाम
सब्जियों और फलों के दाम में भी उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। हालांकि, आज के ताजे रेट में स्पष्ट बदलाव का असर नहीं दिख रहा, फिर भी पिछले कुछ दिनों में इनकी कीमतें बढ़ी हैं।
आलू: 25-30 रुपए प्रति किलो
टमाटर: 40-50 रुपए प्रति किलो
प्याज: 30-40 रुपए प्रति किलो
शिमला मिर्च: 80-100 रुपए प्रति किलो
केला: 60-80 रुपए प्रति दर्जन
इंदौर मंडी में हुए इन बदलावों का असर रिटेल बाजार में सीधे तौर पर दिखाई देता है। गेहूं, सोयाबीन, चना, और दालों के दाम में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर हमें किराने की दुकान, सब्जी मंडी और अन्य खुदरा बाजारों में देखने को मिलता है। खासकर, गेहूं और चने जैसी बुनियादी चीजों के दाम में उतार-चढ़ाव होने से घरेलू बजट पर असर पड़ सकता है।