जाने अब है करवा चौथ का व्रत, करवा चौथ के व्रत मे इन नियमों का पालन करने से महिलाएं हमेशा भाग्यशाली रहेंगी, पढे करवा चौथ के नियम
हमारे सनातन धर्म में करवा चौथ का त्यौहार का एक विशेष महत्व है यह त्यौहार पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक कहा जाता है इस त्यौहार पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है मान्यता के अनुसार व्रत करने से महिलाओं को सदैव सुहागन होने का आशीर्वाद प्राप्त होता और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है यह व्रत सूर्योदय के साथ आरंभ होता है और चंद्रोदय के साथ समाप्त होता है सनातन शास्त्रों में करवा चौथ व्रत के नियम के बारे में बताया गया है मानना है कि नियम का पालन न करने से महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति से वंचित रह जाती है साथ ही जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
2024 में कब है करवा चौथ
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत किया जाता है 2024 में यह व्रत 20 अक्टूबर को किया जाएगा चतुर्थी तिथि की शुरुआत 19 अक्टूबर शाम 6:15 पर होंगी और इसका समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 3:40 पर होगा उदय अतिथि का विशेष महत्व होता है इसलिए यह व्रत 20 अक्टूबर को ही किया जाएगा
व्रत के दौरान महिलाएं करें इन नियमों का पालन
- करवा चौथ के दिन महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि लाल रंग के वस्त्र सुहाग की निशानी होते है।
- सुहागिन महिलाओं को सोलह सिंगार करने के बाद ही पूजा अर्चना करनी चाहिए।
- व्रत के दौरान पूरे दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
- चंद्र दर्शन के बाद ही महिलाओं को व्रत खोलना चाहिए।
- चंद्र दर्शन से पहले महिलाओं को अन्न जल का सेवन नहीं करना चाहिए
करवा चौथ व्रत का पारण चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही किया जाता है इसी वजह से व्रत के दिन महिलाओं को चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार होता है यह व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला रखा जाता है चांद निकलने पर पूजा अर्चना करें और दीपक जलाकर छलनी में से चंद्र दर्शन कर पति को देखें इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत खोलें