क्या प्रधानमंत्री मोदी 2024 में दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे? धीरेंद्र शास्त्री के गुरु रामभद्राचार्य ने यह बड़ी भविष्यवाणी की थी
Prediction For Narendra Modi: रामचरितमानस की एक चौपाई पर विवाद के बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के गुरु रामभद्राचार्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी भविष्यवाणी की है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने ये भी बताया कि मोदी सरकार में उनको कौन-कौन से बड़े काम करवाने हैं. इसके अलावा उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को भी खुली चुनौती दी. रामभद्राचार्य ने कहा कि वे दोनों मेरे सामने आएं, रामचरितमानस की जिस भी चौपाई पर उनको आपत्ति है, मैं समाधान करूंगा. जान लें कि रामभद्राचार्य के बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा
जगद्गुरु रामभद्राचार्य की भविष्यवाणी
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मेरी बात मानकर राम मंदिर बना. आप जान लीजिए मैं फिर भविष्यवाणी कर रहा हूं. पीएम मोदी तीसरी बार भी आएंगे और अबकी बार बहुत बड़े-बड़े काम होने हैं. गोवध बंद करवाना है और हिंदी राष्ट्र भाषा बनवानी है. रामचरितमानस पर बैन लगाने की जो वकालत कर रहे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य. इसके अलावा बिहार के भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर हैं. मैं आप लोगों को खुली चुनौती दे रहा हूं, मेरे सामने आइए. मेरे सामने आकर मुझसे चर्चा कीजिए. आपको जिस भी चौपाई पर आपत्ति है, मैं उसका समाधान करूंगा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था
बता दें कि रामचरितमानस विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस की एक चौपाई पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने चौपाई पर बैन लगाने की मांग की थी. स्वामी प्रसाद के इस बयान के खिलाफ कई शहरों में लोगों ने विरोध किया. फिर स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में कुछ लोगों ने लखनऊ में रामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक चौपाई वाले पेज की फोटोकॉपी जलाई गई. इस मामले में पुलिस स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है
कौन हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य
गौरतलब है कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य एक कथावाचक हैं. हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का नाम भोजपाल रखने की मांग राज्य की शिवराज सरकार से की थी. उन्होंने कहा था कि जब तक भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल नहीं किया जाता, वो वहां कथा करने नहीं आएंगे