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हरियाणा के बहादुरगढ़ की 13 वर्षीय बच्ची बनी मां! बच्चे का ख्याल कौन रखेगा? बाल कल्याण समिति करेगी निर्णय

बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में 13 वर्षीय बच्ची द्वारा कन्या को जन्म देने के मामले ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस घटना के बाद चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा दोनों को बेहतर चिकित्सा के लिए रोहतक के पीजीआईएमएस (PGIMS) में रेफर किया। अब प्रशासनिक अधिकारियों और बाल कल्याण समिति के समक्ष यह महत्वपूर्ण सवाल है कि नवजात की देखरेख का जिम्मा किसे सौंपा जाएगा – मां के परिवार को या बाल कल्याण समिति को।
 
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Breaking News: बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल में 13 वर्षीय बच्ची द्वारा कन्या को जन्म देने के मामले ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। इस घटना के बाद चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा दोनों को बेहतर चिकित्सा के लिए रोहतक के पीजीआईएमएस (PGIMS) में रेफर किया। अब प्रशासनिक अधिकारियों और बाल कल्याण समिति के समक्ष यह महत्वपूर्ण सवाल है कि नवजात की देखरेख का जिम्मा किसे सौंपा जाएगा – मां के परिवार को या बाल कल्याण समिति को।

बच्ची और उसकी नवजात बेटी दोनों फिलहाल रोहतक PGIMS में भर्ती हैं। दोनों का स्वास्थ्य स्थिर बताया जा रहा है, और उन्हें 10-12 दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा। बेहतर देखभाल के लिए जच्चा-बच्चा को रेफर किया गया। पीजीआईएमएस के डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर नजर रखे हुए है।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, बाल कल्याण समिति को नवजात की देखरेख के संबंध में अंतिम निर्णय लेना होगा। यदि परिवार नवजात की देखभाल करने में सक्षम होता है और समिति इसे उपयुक्त मानती है, तो बच्ची को परिवार को सौंपा जा सकता है।