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दिवाली से पहले किसान भाइयों को मिला बड़ा उपहार, सरकार ने बढ़ाई इन 6 फसलों पर MSP

भारत सरकार ने 2025-26 रबी विपणन सीजन के लिए 6 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय किसानों के लिए बेहतर आय और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए जानते हैं, किन फसलों के लिए कितना MSP बढ़ाया गया है और इसका किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
 
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MSP: भारत सरकार ने 2025-26 रबी विपणन सीजन के लिए 6 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की घोषणा की है। यह निर्णय किसानों के लिए बेहतर आय और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए जानते हैं, किन फसलों के लिए कितना MSP बढ़ाया गया है और इसका किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

2025-26 के रबी विपणन सीजन के लिए एमएसपी में वृद्धि

सरकार ने 6 फसलों – गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और सनफ्लॉवर के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी की है। यह निर्णय 2018-19 के केंद्रीय बजट के तहत किया गया था, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि एमएसपी किसानों की उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना हो।

फसल               पुराना एमएसपी (रु/क्विंटल)    नया एमएसपी (रु/क्विंटल)     
गेहूं                             2275                                 2425    
जौ                             1850                                  1980     
चना                            5440                                  5650   
मसूर                           6425                                 6700   
रेपसीड/सरसों               5650                                 5950    
सनफ्लॉवर                   5800                                  5940 

एमएसपी में वृद्धि से किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

 बढ़ी हुई एमएसपी के चलते किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। सरसों और मसूर जैसी फसलों के एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि से किसानों को इन फसलों की ओर झुकाव होगा, जिससे फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को अब उनकी उत्पादन लागत का 1.5 गुना लाभ मिलेगा, जिससे कृषि और भी लाभकारी होगी।

सरकार का यह कदम किसानों की उत्पादन लागत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। एमएसपी में वृद्धि के साथ सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी लागत से अधिक मूल्य मिले। उदाहरण के लिए, गेहूं की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 105% मार्जिन मिलेगा, जबकि सरसों के लिए यह 98% रहेगा।