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Haryana Monsoon Update:  हरियाणा में 11 सितंबर से फिर एक्टिव होगा मानसून, देखें मौसम विभाग का पूर्वानुमान 
 

Haryana Weather Update:  हरियाणा में आज से मानसून कमजोर रहेगा। राज्य में ऐसी स्थिति 10 सितंबर तक बनी रहने वाली है। मौसम विभाग ने फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की है। 
 
 हरियाणा में 11 सितंबर से फिर एक्टिव होगा मानसून
Haryana Monsoon Update: हरियाणा में आज से मानसून कमजोर रहेगा। राज्य में ऐसी स्थिति 10 सितंबर तक बनी रहने वाली है। मौसम विभाग ने फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की है। हालांकि, सुबह और शाम को मौसम में बदली छाई रही। मानसून की गतिविधि के कारण पिछले 24 घंटों में राज्य में 7.7 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम अब सामान्य से 10% कम है।

सबसे अधिक बारिश पंचकूला में 43.6 मिमी और सोनीपत में 31.2 मिमी दर्ज की गई। यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में क्रमशः 20 मिमी और 18.9 मिमी बारिश हुई। करनाल में 12.3, रोहतक में 9.9 के अलावा कई अन्य जिलों में भी बारिश दर्ज की गई।

तापमान में हुई गिरावट, 1.5 डिग्री तक पहुंचा पारा

लगातार हो रही बारिश के कारण तापमान में भी 1.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। दिन का तापमान अब सामान्य से 3.4 डिग्री नीचे आ गया है। सिरसा में अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अंबाला में न्यूनतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया

नारनौल और रोहतक में अधिकतम तापमान सामान्य से 5.4 डिग्री कम रहा। मानसून अब कमजोर होगा।

10% कम बारिश

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, हरियाणा में 1 जून से 5 सितंबर के बीच 332.1 मिमी बारिश हुई है। यह 374.3 मिमी के सामान्य से 10% कम है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है।

मौसम कैसा रहेगा?

चूंकि मानसून गर्त की धुरी उत्तर की ओर झुकी हुई है, इसलिए अगले 3 से 4 दिनों तक मानसून की गतिविधि कम रहेगी। 8 सितंबर से 12 सितंबर के बीच, राज्य के उत्तरी और दक्षिणी जिलों में मौसम बदलने की संभावना है और कुछ स्थानों पर केवल हल्की बारिश होगी। हरियाणा में कुछ स्थानों और पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इसके कारण दिन के तापमान में मामूली वृद्धि और वायुमंडल में आर्द्रता में कमी की संभावना है।

जुलाई में कम हुई बारिश

हरियाणा में जुलाई में पांच साल में सबसे कम बारिश हुई। 2018 में यहां 549 मिमी बारिश हुई थी। वर्ष 2019 में 244.8 मिमी, 2020 में 440.6 मिमी, 2021 में 668.1 मिमी, 2022 में 472 मिमी, 2023 में 390 मिमी और 2024 में 97.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। उन्हें नल से पानी चाहिए।