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भारत सरकार अब जल्द ही सभी हाई-वे को बनाएगी स्मार्ट हाइवै, 35 हजार करोड़ रुपये का आएगा खर्चा

भारतीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में हाल के वर्षों में भारी वृद्धि देखी गई है। 2018 में यह 23,000 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 55,000 करोड़ रुपये हो जाएगा. एनएचएआई के इस नेटवर्क से टोल प्राप्तियां और बढ़ने की संभावना है।
 
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Smart Highway: वाहन चालकों समेत देश भर में आमजन के लिए काफी अच्छी खबर सामने आ रहि है।  अधिक जानकरी के लिए बता दे की अब आपके हाईवे स्मार्ट होने वाले है स्मार्ट से आप क्या समझे मतलब आधुनिक सुविधाओं से लेस, जानें कैसे 

अधिक जानकरी के लिए बता दे की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) देश के प्रमुख हाईवे के साथ एक ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) नेटवर्क बिछाने की योजना बना रहा है, जो भविष्य के स्मार्ट हाईवे और बाधारहित टोलिंग को साकार करेगा। इस योजना के तहत, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल का इस्तेमाल करते हुए OFC नेटवर्क बिछाया जाएगा, जिससे NHAI अपनी अतिरिक्त क्षमता को व्यावसायिक उपयोग के लिए लीज़ पर देकर कमाई भी करेगा।

भारतीय राजमार्गों पर टोल संग्रह में हाल के वर्षों में भारी वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2018 में यह 23,000 करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। NHAI के इस नेटवर्क के साथ, टोल प्राप्तियों में और वृद्धि की संभावना है।

NHAI का OFC नेटवर्क भारत में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करेगा, जिससे स्मार्ट शहरों और हाई-टेक यातायात प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा। इस परियोजना से देश के डिजिटल भविष्य की नींव मजबूत होगी, जिसमें स्मार्ट हाईवे, बाधारहित टोलिंग, और अत्याधुनिक दूरसंचार तकनीक शामिल होंगे।

NHAI ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (1,367 किलोमीटर) और हैदराबाद-बैंगलोर कॉरिडोर (512 किलोमीटर) को OFC नेटवर्क के तहत डिजिटल हाईवे के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। ये क्षेत्र 5G नेटवर्क के लिए रीढ़ का काम करेंगे, जिससे इंटरनेट कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा