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यूपी में राज्य कर विभाग के सात वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश जारी, जानें पूरा मामला 

उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग में ई-वे बिल की आंशिक स्कैनिंग और कर चोरी जैसे गंभीर मामलों पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रमुख सचिव एम. देवराज ने राज्य के सात वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
 
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UP News: उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग में ई-वे बिल की आंशिक स्कैनिंग और कर चोरी जैसे गंभीर मामलों पर शासन ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रमुख सचिव एम. देवराज ने राज्य के सात वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में जांच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?

शशांक शेखर मिश्र: अपर आयुक्त ग्रेड-1, कानपुर     
संजय पाठक: अपर आयुक्त ग्रेड-2 (एसआईबी), कानपुर     
धीरेंद्र प्रताप सिंह: अपर आयुक्त ग्रेड-1, सहारनपुर 
मारुति सरन चौबे: अपर आयुक्त ग्रेड-1, आगरा     
दिनेश कुमार मिश्र: अपर आयुक्त ग्रेड-1, गाजियाबाद जोन-2     
हरिराम: अपर आयुक्त ग्रेड-1, मेरठ     
विवेक राज: सहायक आयुक्त-2, गाजियाबाद

ई-वे बिल घोटाला 

सूत्रों के अनुसार, पान मसाला के ई-वे बिल की आंशिक स्कैनिंग के कारण बड़ी मात्रा में कर चोरी होने की संभावना जताई गई है।  स्कैन न होने पर ई-वे बिल का दोबारा उपयोग किया जा सकता है, जिससे कर चोरी आसान हो जाती है। अधिकारियों की मिलीभगत से स्कैनिंग में लापरवाही की गई, जिसे गंभीरता से लिया गया है। आबकारी आयुक्त आदर्श सिंह को इस मामले की जांच सौंपी गई है।

प्रमुख सचिव ने GST के तय लक्ष्य से कम राजस्व वसूली पर सहारनपुर, आगरा, गाजियाबाद, और मेरठ के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। गाजियाबाद के लोहा कारोबारी अक्षय जैन द्वारा स्टेट GST चेकपोस्ट पर अवैध वसूली के आरोप लगाए गए थे। शासन ने तुरंत संज्ञान लेते हुए गाजियाबाद के सहायक आयुक्त-2 विवेक राज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।