इन 5 चीजों के बिना अधूरा है छठ का व्रत, पूजा में जरूर करें शामिल

छठ पूजा में पूजन सामग्री का भी बहुत ज्यादा महत्व है। आज हम आपको 5 ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे, जिनका छठ पूजा की सामग्री में जरूर होना चाहिए।

छठ का व्रत

छठ पूजा

हिंदू धर्म में छठ पूजा का बहुत ज्यादा महत्व है। 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है।

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महापर्व

वैसे तो छठ पूजा हिंदू धर्म का एक मुख्य त्योहार है। लेकिन इस महापर्व को बिहार और इसके आसपास के राज्यों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

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निर्जला व्रत

छठ पर्व में छठी मईया और सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं।

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छठी मईया की मान्यता

मान्यता है कि छठी मईया सूर्य देव की मानस बहन और भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं।

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पूजन सामग्री

बता दें कि छठ पूजा में पूजन सामग्री का भी बहुत ज्यादा महत्व है। आज हम आपको 5 ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे, जिनका छठ पूजा की सामग्री में जरूर होना चाहिए।

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बांस की टोकरियां

छठ पूजा का प्रसाद रखने के लिए बांस की टोकरियां और प्रसाद रखकर अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल से बना सूप जरूरी है।

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ठेकुआ

बता दें कि छठ पूजा में ठेकुआ प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है, जिसे गुड़ और गेहूं के आटे से बनाया जाता है। मान्यता है कि ठेकुआ के बिना छठ पूजा का प्रसाद अधूरा रहता है।

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गन्ना

छठ पूजा में गन्ना से घाट पर घर बनाया जाता है और प्रसाद के तौर पर सूप में भी रखा जाता है।

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केला

छठ पूजा में केला का एक पूरा गुच्छा ही प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाता है, जिसे बिहार में घवद कहा जाता है।

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शुद्ध जल और दूध का लोटा

छठ पूजा में घाट पर अर्घ्य का बहुत महत्व है। ऐसे में अर्घ्य देने के लिए शुद्ध जल और दूध का लोटा होना बहुत जरूरी है।

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