कोयले की खपत
दुनिया में बिजली उत्पादन के लिए सबसे ज्यादा कोयले का इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि धीरे-धीरे कई देशों ने इसके लिए कई और विकल्प भी तलाश लिए है.
30 सितंबर को ब्रिटेन ने अपना आखिरी कोयला पावर प्लांट बंद कर दिया. इस फैसले के बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर कोयले को छोड़ने के लिए बहस छिड़ गई.
पिछले कुछ सालों से विश्व स्तर पर क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा बना है. ऐसे में कोयले से होने वाले पॉल्यूशन को लेकर लगातार क्लाइमेट एक्टिविस्ट सवाल उठाते रहते हैं.
ऐसे में ये सवाल उठता है क्या भारत 2040 तक कोयला मुक्त हो पाएगा? क्योंकि बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत के पास अब भी कोयले का कोई पुख्ता विकल्प नहीं है.
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक 2023 में यूरोप और अमेरिका में कोयले की खपत में गिरावट आई है, जबकि भारत में ये खपत 8 प्रतिशत और चीन में 5 प्रतिशत बढ़ी है.
कोयले की खपत को कम करने के लिए और कोयला मुक्त होने के लिए भारत को बिजली उत्पादन के लिए और भी विकल्प तलाशने होंगे, नहीं तो भारत मुसीबत में पड़ सकता है.